दुनिया में कई बार उल्कापिंड के टकराने से होने वाली तबाही की खबरें सामने आती रहती हैं. नासा सहित कई स्पेस एजेंसियां इन एस्टेरॉइड्स पर नजर बनाए रखती हैं. इसके पीछे वजह है आज से करोड़ों साल पहले आई तबाही. इस तबाही में दुनिया से डायनासोर खत्म हो गए थे. ऐसे में कयास लगाए जाते हैं कि अब अगर कभी धरती से कोई उल्कापिंड टकराया तो इंसानों का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा. नासा ने अब इस हफ्ते एक और विशालकाय उल्कापिंड के धरती के बेहद नजदीक से गुजरने का अनुमान लगाया है. ये उल्कापिंड तेजी से पृथ्वी की तरफ बढ़ रहा है.
यूएस स्पेस एजेंसी नासा ने इस विशालकाय उल्कापिंड को धरती के लिए खतरे के लिस्ट में शामिल कर लिया है. इसकी चौड़ाई 2 हजार 7 सौ 56 फ़ीट है. वैसे तो ये पृथ्वी से करीब 3.5 मिलियन मील दूर रहेगा लेकिन इसके बाद भी नासा को इस उल्कापिंड से डर लग रहा है. नंबर्स में भले ही ये आपको दूर लग रहा होगा लेकिन स्पेस के कैलकुलेशन में ये खतरे की बात है. स्पेस एजेंसीज के रिकार्ड्स के मुताबिक़, अगर कोई उल्कापिंड 4.65 मिलियन मील के नजदीक आ जाता है, तो उसे पृथ्वी के लिए खतरा मान लिया जाता है.
एलन मस्क ने जताई चिंता
इस उल्कापिंड को लेकर कई एक्सपर्ट्स ने चिंता जाहिर की है. इसमें स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क भी शामिल हैं. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि एक विशाल चट्टान पृथ्वी की तरफ आ रहा है और हमारे पास इससे बचने का कोई उपाय नहीं है. नासा इससे बचने के तरीके ढूंढ रही है लेकिन अभी तक ऐसा कोई मेथड नहीं मिला है. नासा ने हाल ही में Double Asteroid Redirection Test मिशन लॉन्च किया है, जिसके तहत ऐसे उल्कापिंडों के पृथ्वी से टकराने के चान्सेस कम किये जा पाएंगे.
स्पेस में ही मोड़ देंगे रुख
नासा के DART मिशन में स्पेस में ही ऐसे उल्कापिंडों का रुख मोड़ दिया जाएगा, जो आगे पृथ्वी के लिए खतरा बन सकते हैं. इसमें काइनेटिक एनर्जी के जरिये उल्कापिंडों की दिशा बदल दी जाएगी. नासा का कहना है कि ऐसे कई उल्कापिंड हैं, जो स्पेस में चक्कर लगा रहे हैं और आगे जाकर पृथ्वी के लिए खतरा बन सकते हैं. ऐसे में डार्ट मिशन के जरिये उनका रुख बदल कर पृथ्वी को सेफ किया जा सकेगा.
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FIRST PUBLISHED : May 03, 2022, 16:23 IST